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अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2022 तक 2,25,000 मेगावाट होगी: एमएनआरई सचिव

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नई दिल्ली। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) सचिव आनंद कुमार ने शुक्रवार को कहा कि देश में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 2022 तक 2,25,000 मेगावाट पहुँचने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन (सेकी) की विनिर्माण से जुड़ी पहली सौर परियोजनाओं की नीलामी में अडाणी ग्रीन एनर्जी और ऐशर पावर सफल बोलीदाताओं के रूप में उभरी हैं।

इंडिया एनर्जी फोरम के नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन में कुमार ने कहा, ‘‘मंत्रालय को 2022 तक न केवल 1,75,000 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है बल्कि यह उससे कहीं अधिक 2,25,000 मेगावाट पहुंच जाने का अनुमान है।’’उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2010 में 14,700 मेगावाट की स्थापित क्षमता थी जबकि अब यह बढ़कर 86,000 मेगावाट पहुंच गयी है।

परियोजनाओं का ब्योरा देते हुए कुमार ने कहा, ‘‘फिलहाल 36,000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। वहीं 30,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं बोली के विभिन्न चरणों में हैं। हमें 23,000 मेगावाट के लिये बोली मंगवानी है और लक्ष्य को हासिल करने के लिये अभी तीन साल का समय है।’’ उन्होंने अलग से बातचीत में यह भी कहा कि सेकी की विनिर्माण से जुड़ी पहली सौर परियोजनाओं की नीलामी में अडाणी ग्रीन एनर्जी और ऐशर पावर सफल बोलीदाताओं के रूप में उभरी हैं।

एमएनआरई सचिव ने यह भी कहा कि अडाणी ने 1500 मेगावाट सौर सेल विनिर्माण क्षमता के साथ 6,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता तथा ऐशर पावर ने 2,000 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ 500 मेगावाट सौर सेल विनिर्माण क्षमता के लिये बोलियां लगायी हैं।
बोली समझौते के अंतर्गत क्षमता बढ़ाने के विकल्प (ग्रीन शू आप्शन) के तहत अडाणी की क्षमता बढ़कर 2,000 मेगावाट सौर सेल विनिर्माण तथा 8,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता हो जाएगी।

ऐशर के लिये क्षमता बढ़ाने के विकल्प के तहत कंपनी 1,000 मेगावाट सौर सेल विनिर्माण के साथ 4,000 मेगावाट की उत्पादन क्षमता स्थापित करेगी। कुमार ने कहा, ‘‘बोलियों को अंतिम रूप दे दिया गया है और केवल कागजी काम बाकी है।’’ उन्होंने कहा कि शुल्क दर 2।92 रुपये प्रति यूनिट तय की गयी है।

विशेषज्ञों के अनुसार सफल नीलामी के बाद 1,000 मेगावाट क्षमता के सौर विनिर्माण संयंत्र लगाने से 6,000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। इससे 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। फिलहाल देश अपनी कुल जरूरत का 95 प्रतिशत सौर मोड्यूल चीन से आयात करता है। इससे हर साल करीब 10 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी प्रवाह होता है। सम्मेलन में नीति आयोग में प्रधान सलाहकार अनिल श्रीवास्तव, इंडिया एनर्जी फोरम के अनिल राजदान समेत अन्य लोग मौजूद थे।

 

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