कोर सेक्टर का उत्पादन लगातार तीसरे महीने घटा
1 min readनई दिल्ली| अर्थव्यवस्था के आठ कोर सेक्टर का उत्पादन नवंबर में लगातार तीसरे महीने 1.5 फीसदी घटा है। इसकी वजह यह है कि रिफाइनरी उत्पाद और बिजली जैसे अहम क्षेत्रों में वृद्धि धीमी है या गिर रही है। इन क्षेत्रों के उत्पादन में अक्टूबर में रिकॉर्ड 5.8 फीसदी और सितंबर में 5.2 फीसदी गिरावट आई थी। इसके नतीजतन चालू वित्त वर्ष 2020 में नवंबर तक कोर सेक्टरों की समग्र वृद्धि शून्य रही है, जो पिछले साल 5.1 फीसदी थी।
अर्थशास्त्रियों ने चेताया कि ताजा आंकड़े यह संकेत देते हैं कि चालू औद्योगिक मंदी दूर होने में समय लगेगा। वर्ष 2011-12 या 2004-05 को आधार वर्ष मानते हुए पांच फीसदी से अधिक गिरावट सूचकांक के इतिहास में अप्रत्याशित है। इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘यह पहला ऐसा उदाहरण है, जब 2011-12 को आधार वर्ष मानते हुए आठ कोर बुनियादी ढांचा उद्योगों के उत्पादन में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा निराशाजनक चीज लगातार चार महीनों से बिजली के उत्पादन में गिरावट आना है, जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है।’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में बिजली का उत्पादन 5.7 फीसदी कम हुआ है। बिजली उत्पादन में गिरावट अगस्त में महज 0.9 फीसदी थी, जो अक्टूबर में 12.2 फीसदी पर पहुंच गई। विनिर्माण में सुस्ती से बिजली की मांग में भारी कमी आई है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट स्थिर बनी हुई है। यह अक्टूबर में 2.1 फीसदी रही।