कोरोना पर महामंथन : पीएम मोदी की वीसी के जरिये मुख्यमंत्रियों से चर्चा
1 min readकोरोना वायरस के खतरे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया था। इसमें उन्हों ने संयम बरतने और सतर्क रहने की सलाह दी थी। उन्होंने 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने की अपील भी की थी।
नई दिल्लीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुख्य मंत्रियों के साथ वीडियो लिंक पर मीटिंग की। इसमें देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा हुई। मीटिंग में केंद्रीय स्वािस्य्ग मंत्री हर्षवर्धन के अलावा हेल्थ मिनिस्ट्रीर के टॉप अधिकारी शामिल हुए। बैठक शाम 4 बजे शुरू हुई और खबर लिखे जाने तक जारी थी। मीटिंग में कोरोना को रोकने के अलावा राज्योंई की कैपेसिटी बिल्डिंग और लोकल हेल्थर ऑफिशियल्से को ट्रेनिंग पर भी चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री लगातार वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने पर जोर दे रहे हैं। शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भी उन्हों ने इसपर बात की थी।
कोरोना से निश्चिंत हो जाना ठीक नहीं : पीएम
पीएम ने कहा था कि ‘130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।’ पीएम ने सुझाया कि लोग 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ लगाएं।
जनता कर्फ्यू का मतलब
पीएम के मुताबिक, इस रविवार यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक कोई व्यमक्ति बाहर न निकले। उन्होंयने अपील की कि संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। पीएम ने अपील की कि रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
पीएम के मुताबिक, ये ‘जनता कर्फ्यू’ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। उन्हों ने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।
‘वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दें कंपनियां’
सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सोशल डिस्टें सिंग को बढ़ावा देने को कहा है। इसके तहत, कंपनियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने गुरुवार को एक एडवाजयरी में कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून के तहत दी जा सकने वाली उन छूटों का आकलन कर रहा है, जिनके ऊपर महामारी की इस स्थिति में अमल किया जा सकता है। सरकार ने कंपनियों और LLP के लिये एक डिजिटल फॉर्म भी तैयार किया है, जिसके जरिये कोरोना वायरस संकट से जूझने की तैयारियों की जानकारी दी जा सकती हैं।