कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की किलाबंदी, 15 अप्रैल तक सारे वीजा रद्द
1 min readकोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों के बीच, भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक सारे वीजा रद्द करने का फैसला लिया है। सभी भारतीय नागरिकों को भी गैर-जरूरी यात्रा ना करने की सलाह दी गई है।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों के बीच सरकार ने इसे और फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। देश की सीमाओं को एक तरह से बंद करते हुए, सरकार ने 15 अप्रैल तक सारे वीजा रद्द करने का फैसला लिया है। ये प्रतिबंध 13 मार्च से लागू हो रहा है और डिप्लोमैटिक वीजा, संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के कर्मचारियों को जारी किया गया वीजा, नौकरी के लिए दिया गया वीजा और आधिकारिक वीजा को इस से बाहर रखा गया है।
बेहद जरूरी कारणों से भारत आने के इच्छुक लोगों को अपने निकटतम भारतीय दूतावास से संपर्क करने की हिदायत दी गई है। सभी भारतीय नागरिकों को गैर-जरूरी यात्रा ना करने की सलाह दी गई है और कम से कम सात देशों से आनेवाले यात्रियों को 14 दिन के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में जाने के लिए कहा गया है। इन प्रतिबंधों की घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 संक्रमण को पैंडेमिक घोषित करने के तुरंत बाद की गई। पैंडेमिक उस महामारी को कहते हैं जो एक देश से शुरू होकर विश्व के एक बड़े हिस्से में फैल जाती है।
भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 67 बताई जा रही है। भारत की संवैधानिक व्यवस्था में स्वास्थ्य राज्य सरकार के अधीन विषय है और सभी राज्य अपने अपने हिसाब से कदम उठा रहे हैं। लेकिन सब साथ मिलकर संक्रमण का सामना करें इस उद्देश्य से केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 10 को लागू कर दिया है, इसके तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की राष्ट्रीय समिति को ये शक्ति दी जाती है कि वो राज्य स्तर पर भी तैयारियों की समीक्षा कर सके और राज्य सरकारों को दिशा निर्देश दे सके।
सरकार चिकित्सकों की एक टीम इटली भेजने की तैयारी कर रही है क्योंकि वहां फंसे भारतीय नागरिकों की ठीक से जांच नहीं हो पा रही है। उन लोगों की जांच करके उन्हें वापस लाने की कोशिश हो रही है। हॉलीवुड के मशहूर एक्टर टॉम हैंक्स और उनकी पत्नी रीटा को संक्रमण हो गया है। वे ऑस्ट्रेलिया में हैं और पूरी तरह से ठीक हो जाने तक क्वारंटाइन में रहेंगे।
जर्मनों में संक्रमण का खतरा
भारत के बाद अमेरिका ने भी बाहर से लोगों के आने पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अगले 30 दिनों के लिए 26 यूरोपीय देशों से लोगों के अमेरिका यात्रा करने पर प्रतिबंध की घोषणा की है। ये प्रतिबंध ब्रिटेन पर लागू नहीं होंगे। जर्मनी में चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि इस समय संक्रमण जिस तरह से फैल रहा है अगर वह ऐसे ही फैलता रहा तो आने वाले दिनों में दो-तिहाई जर्मन संक्रमित हो सकते हैं। चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि मैर्केल के इस बयान से लोगों में घबराहट फैलेगी। जर्मनी में अभी तक संक्रमण के 1,296 मामले सामने आए हैं और तीन लोगों की जान जा चुकी है।
इटली में दुकानें बंद
यूरोप में सबसे बुरी तरह प्रभावित इटली में सरकार ने दुकानों को बंद करने के सख्त कदम उठाए हैं। इटली में यूरोप के सबसे ज्यादा लोग वायरस से प्रभावित हैं और सबसे ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है। अब तक साढ़े बारह हजार लोग संक्रमित हैं और 827 लोगों की मौत हुई है। प्रधानमंत्री जुइजेप कोंटे ने रोजमर्रा का सामान बेचने वाले सुपर बाजारों और दवाखानों को छोड़कर सभी दुकानों को बंद करने की घोषणा की है। कंपनियों से उन सभी विभागों को बंद करने के लिए कहा गया है जो उत्पादन के लिए जरूरी नहीं हैं। सैलून और कॉस्मैटिक दुकानों के अलावा बार और रेस्तरां पर भी प्रतिबंध लागू होंगे।
ऑस्ट्रिया में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों को ईस्टर तक बंद कर दिया गया है। किंडरगार्टन जाने वाले छोटे बच्चों को भी संभावना के अनुसार घर में रखने की हिदायत दी गई है। ऊंची क्लासों में पढ़ाई डिजीटल साधनों से होगी। करीब 10 लाख बच्चों पर लागू होने वाले इस कदम का मकसद व्यक्तिगत संपर्कों को सीमित करना है। ऑस्ट्रिया के चांसलर सेबास्चियान कुर्त्स ने कहा है कि बच्चों की देखभाल में दादा दादी या नाना नानी को नहीं लगाया जाना चाहिए। इस वायरस से बुजुर्ग लोग ज्यादा प्रभावित हैं।