Fri. May 17th, 2024

10 सरकारी बैंकों के विलय को स्वीकृति

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  • नई दिल्ली । भारत सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की योजना को मंजूरी दे दी। एकीकरण योजना के अनुसार बैंकों का यह विलय 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा और उस समय इन बैंकों की बैलेंस शीट और शेयरों का एकीकरण किया जाएगा। पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया मिलकर देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। इसी तरह केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आन्ध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा। इसके अलावा इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा। नई दिल्ली ।

वित्त मंत्रालय के अनुसार  विलय से इन बैंकों की उधारी क्षमता बढऩे से कारोबार और उद्योग को फायदा होगा और व्यक्तिगत कर्जदार की नियामकीय सीमा 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये हो जाएगी। इसके आलावा बैंक विशेषीकृत ऋण उत्पाद पेश करने में भी सक्षम होंगे। बैंक इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तत्काल काम करेंगे। पहला कदम शेयरों की अदला-बदली अनुपात को मंजूरी देने की होगी और इसके लिए एंकर बैंक के साथ बोर्ड बैठक आयोजित की जाएगी।

आज 5 मार्च को पंजाब नैशनल बैंक की बोर्ड बैठक प्रस्तावित है। बैंक अल्पांश शेयरधारकों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक स्वतंत्र समिति का भी गठन करेंगे। हालांकि देना बैंक और विजया बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय के दौरान शेयरधारकों से प्रतिक्रिया मंगाने के लिए जितना समय दिया गया था, इस बार यह समयसीमा कम हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 10 सार्वजनिक बैंकों के विलय पर निर्णय लेने से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा के एकीकरण के लाभों का आकलन करना चाह रही थी।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘इन तीन बैंकों की शाखा का नेटवर्क पहले की तरह 9,400 बना हुआ है और एटीएम मशीनों की संख्या भी 13,000 है और कुल कर्मचारी 85,000 हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा का परिचालन मुनाफा 2019-20 की तीसरी तिमाही में 11.4 फीसदी बढ़ा है, वहीं जमा में भी 8.8 फीसदी और पूंजी अनुपात में 1.71 फीसदी का इजाफा हुआ है।’ उन्होंने कहा कि विलय के बाद खुदरा ऋण मंजूरी में लगने वाला समय 23 दिन से घटकर 11 दिन रह गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एकीकरण से बैंकों के कामकाज पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘कोर बैंकिंग संचालन को प्रभावित किए बिना बैंकों की सभी सेवाएं पहले की तरह सुचारू रूप से चलेंगी और एकीकरण ग्राहकों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।’ बैंकों की बैलेंस शीट और शेयरों का भी विलय होगा और एकीकरण पूरा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के मामले में तकनीकी एकीकरण अब तक पूरा नहीं हो पाया है और वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसके अगली तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है।

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