कोरोना पर नया खुलासा: संभवतः चीन के बाहर से आया हो कोरोना वायरस
1 min read- पेइचिंग। पूरी दुनिया को भयग्रस्त बना चूका कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और अब तक करीब 3,000 से ज्यादा मौतें इस वायरस से हो चुकी हैं। चीन के बाहर अमेरिका, इटली, थाइलैंड जैसे देशों में भी अब कोरोना के संक्रमण से लोगों की मौत होने लगी है। शोध में संभावना जताई गई है कि इस वायरस का केंद्र चीन में न होकर अन्यत्र हो। ऐसे हालात में यह दुनिया को भरी तबाही कि तरफ ले जा सकता है।
नॉवेल कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में तमाम शोध किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक इन शोध में पता चली जानकारी के मुताबिक इस वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना अभी भी मुश्किल है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के ओरिजिन का पता लगाने कि लिए और ठोस व ऑथेंटिक रिसर्च कि जाने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को कोरोना से जुड़ी यह रिपोर्ट पब्लिश की। गौर करने वाली बात है कि अब तक कोरोना वायरस से 2,977 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
शनिवार को आईं मीडिया रिपोर्ट्स कहना है कि अमेरिका में अभी तक COVID-19 के कम से कम चार मामले मिले हैं जिनके सोर्स का अभी पता नहीं चला है। झांग ने कहा, ‘दोनों बातों को अभी एक साथ रखकर देखा जाना चाहिए और जब तक पर्याप्त सबूत ना हों किसी सटीक जानकारी से बचना चाहिए।’
चीन का वुहान नहीं है कोरोना का केंद्र!
21 फरवरी को चाइनीज़ अकेडमी ऑफ साइंसेज में असोसिएट प्रफेसर यू वेनबिन ने एक रिसर्च पेपर सबमिट किया। इस पेपर में संकेत दिए गए हैं कि हो सकता है वुहान में हुआनन सीफूड मार्केट कोरोना वायरस का केंद्र ना हो। आर्टिकट में कहा गया है कि 58 नए कोरोनावायरस के हैप्लोटाइप्स को H1-H58 नंबर दिए गए। इन्हें 5 ग्रुप A, B, C, D और E में बांटा गया है, जिनमें A सबसे बड़ा और E सबसे छोटा वायरस है। हालांकि, हुबेई में सिर्फ ग्रुप C के कोरोना वायरस का ही पता लगा है। लेकिन अमेरिका में इन पांचों ग्रुप के वायरस को देखा गया है।
हालांकि, यू और उनके कर्मचारियों का मानना है कि हो सकता है हुबेई में मौजूद नॉवेल कोरोना वायरस कहीं और से आकर यहां फैला हो। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यह रिसर्च विज्ञान पर आधारित है। उनके मुताबिक, ‘अगर अमेरिका में मिले नॉवेल कोरोना वायरस के सभी टेस्ट रिजल्ट ग्रुप सी के पाए जाते हैं, तो कहा जा सकता है कि यह चीन से ही फैला। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हो सकता है कि यहीं से फैला हो।’
शोध की और ज्यादा जरूरत
हाल ही में ताइवान में एक लोकल टीवी शो में फार्माकोलॉजिस्ट पैन हुवेई जॉन्ग ने इस आर्टिकल का हवाला दिया। उनका कहना था कि अमेरिका में COVID-19 के मामले देखें तो यहां मेनलैंड चीन के मुकाबले नए कोरोना वायरस के ज्यादा मल्टीपल जेनेटिक टाइप देखने को मिले हैं। शनिवार को वुहान के वायरोलॉजिस्ट यांग झैंनक्यू ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि अमेरिका में इन्फ्लुऐंजा से हुई मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है। इन्फ्लुऐंजा की शुरुआत कहां से हुई, इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विस्तृत जांच होनी चाहिए। कई ऐसे सबूत हैं जो COVID-19 से जुड़ी जानकारियों को मुश्किल कर रहे हैं।