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जनवरी के अंत में राजकोषीय घाटा 128.5 प्रतिशत पहुंचा

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नई दिल्ली। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने 28 फरवरी शुक्रवार को यह जानकारी दी है कि देश का राजकोषीय घाटा जनवरी अंत में पूरे साल के लिए तय अनुमान के 128.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में घाटा संशोधित बजटीय अनुमान का 121.5 प्रतिशत रहा था। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और प्राप्ति के बीच अंतर को दर्शाता है। वास्तविक रूप से यह घाटा 9,85,472 करोड़ रुपये रहा।

सरकार ने 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा 7,66,846 करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान रखा है। इस महीने संसद में पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को 3.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया। इसका कारण राजस्व संग्रह में कमी बताया गया है।

लेखा महानियंत्रक के मासिक लेखा आंकड़े के अनुसार राजस्व प्राप्ति अप्रैल-जनवरी में 12.5 लाख करोड़ रुपये रही। यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 67.6 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में यह संशोधित अनुमान का 68.3 प्रतिशत रहा था। इसी अवधि में कुल प्राप्ति संशोधित अनुमान का 66.4 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 67.5 प्रतिशत थी।
सीजीए के अनुसार, जनवरी अंत तक कुल व्यय 22.68 लाख करोड़ रुपये रहा जो संशोधित अनुमान का 84.1 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 81.5 प्रतिशत था।

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