Thu. May 2nd, 2024

केंद्र को नकदी का सहारा देगा रिजर्व बैंक

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विमल जालान समिति की सिफारिशों के आधार पर अतिरिक्त धनराशि हस्तांतरित करने का नया फॉर्मूला पिछले साल स्वीकार किया था, जिससे केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को चालू वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। अगर केंद्रीय बैंक ने आर्थिक पूंजी मसौदा (ईसीएफ) स्वीकार किया तो केंद्र को 73,984 करोड़ रुपये मिलेंगे। ईसीएफ में जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक के धन रखने के स्तर का निर्धारण किया गया है।

गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाले रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ने पिछले साल विमल जालान समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी, जिसने केंद्रीय बैंक के लिए नए ईसीएफ की सिफारिश की है। परिणामस्वरूप रिजर्व बैंक सरकार को कुल 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करेगा, जिसमें 1.23 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त नकदी और 52,637 करोड़ रुपये ‘अतिरिक्त प्रावधान’ के माध्यम से मिलेगा। दस्तावेजों से पता चलता है कि अगस्त 2019 में हुई रिजर्व बैंक की सेंट्रल बोर्ड की बैठक के पहले ऑडिट एवं जोखिम प्रबंधन उप समिति ने एक बैठक कर रिजर्व बैंक के सालाना बही खाते और सरकार को अतिरिक्त नकदी दिए जाने को मंजूरी दी थी।

इस समिति की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड के सदस्य भरत एन दोशी ने की, जो जालान समिति में भी शामिल थे। ऑडिट समिति में जालान समिति के दो और सदस्य- रिजर्व बैंक बोर्ड के सदस्य सुधीर मनकड़ और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन भी शामिल हैं। समिति ने रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड को सिफारिश की है कि ईसीएफ में ‘शुद्ध आय 1.23 लाख करोड़ रुपये में से 40 प्रतिशत (49,366 करोड़ रुपये) का जोखिम प्रावधान किया गया है।

ऐसे मे सरकार को हस्तांतरित की जाने वाली अतिरिक्त राशि 73,974 करोड़ रुपये होगी’, यह 26 अगस्त 2019 को हुई बैठक के ब्योरे से पता चलता है।  इसमें कहा गया है कि जालान समिति के सुझाए तरीकों का पालन करने पर जोखिम प्रावधानों के तहत राशि हस्तांतरित करने की कोई जरूरत नहीं है, ऐसे में सरकार को पूरी 1.23 लाख करोड़ राशि हस्तांतरित की जा सकती है। ऑडिट समिति ने आकस्मिक जोखिम भंडार (सीआरबी) बरकरार रखने के मामले में रिजर्व बैंक की बैलेंस सीट में कम बैंड को चुनने का फैसला किया है, ऐसे में रिजर्व से अतिरिक्त हस्तांतरण की राशि 52,637 करोड़ रुपये और हो जाएगी। जालान समिति ने सिफारिश की है कि सीआरबी बैलेंस सीट का 5.5 से 6.5 प्रतिशत होना चाहिए।

सीआरबी और जोखिम प्रावधान की सिफारिशें विश्वनाथन द्वारा तैयार किए गए ज्ञापन का हिस्सा बन चुकी हैं, जिसे रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड के समक्ष मंजूरी के लिए रखा गया था। विश्वनाथन के नोट में रिजर्व बैंक के ‘अतिरिक्त प्रावधान’ के तहत अलग अलग राशियों का ब्योरा है, जिसे सीआरबी के विभिन्न स्तरों पर रिजर्व बैंक केंद्र को हस्तांतरित कर सकता है। अगर रिजर्व बैंक ने सीआरबी की ऊपरी सीमा यानी बैलेंस सीट का 6.5 प्रतिशत बहाल करने का फैसला किया है तो अतिरिक्त प्रावधान के तहत केंद्र को सिर्फ 11,608 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने होंगे।

रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड की बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि ‘विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के कुछ पहलुओं की निदेशकों ने जांच की, जिसमें मॉडल रिस्क पर विचार, सीआरबी से जुड़े वैकल्पिक परिदृश्य, बेहतर अंतरराष्ट्रीय कानून और अपॉच्र्युनिटी कॉस्ट आदि से जुड़े मसले शामिल हैं।’ दस्तावेजों से पता चलता है कि ‘सभी मसलों को स्पष्ट किया’ गया और बोर्ड ने जालान समिति की रिपोर्ट लागू करने को मंजूरी दे दी।

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