Sat. Apr 27th, 2024

तीन दशको में चीन की विकास दर सबसे नीचे आई

1 min read
  • कमजोर घरेलू मांग और अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था में विकास की गति 2019 में पिछले तीस सालों में सबसे धीमी रही|

    चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) के आंकड़ों में कहा गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की विकास दर 2019 में 6.1 फीसदी रही| यह 1990 के बाद अब तक की सबसे कम विकास दर है| वहीं चीनी अधिकारियों ने चेताया है कि अर्थव्यवस्था के लिए आगे भी अच्छे संकेत नहीं हैं| सन 2018 में चीन की विकास दर 6.6 प्रतिशत थी|

एनबीएस के कमिश्नर निंग जित्से ने पत्रकारों से कहा, “हमें यह पता होना चाहिए कि पूरे विश्व में आर्थिक और कारोबारी विकास धीमा हो रहा है| वैश्विक अस्थिरता और जोखिम ने चीन की अर्थव्यवस्था को नीचे ला दिया है|” यह आंकड़े चीन और अमेरिका के बीच दो साल से चल रहे ट्रेड वॉर पर विराम लगने के संकेत के बाद आए हैं| दोनों देशों ने “पहले चरण” की ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए हैं| समझौते में अमेरिका चीन से निर्यात किए सामानों पर अरबों डॉलर के शुल्क को कम करेगा| हालांकि अमेरिका ने पहले से बढ़े टैरिफ की दरों में कोई कमी नहीं की है|

विश्व बैंक की जनवरी 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से निर्यात कमजोर होने से घरेलू मांग में मंदी आई है| अमेरिका और चीन के बीच मई में व्यापार वार्ता टूटने और चीन के सामानों पर शुल्क बढ़ाने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में उपभोक्ताओं का भरोसा घटा है| औद्योगिक उत्पादन और खुदरा बिक्री में पिछले साल की तुलना में गिरावट दर्ज की गई|

हाल ही में खुद चीन की सरकार ने बताया कि 2019 जून में उसका एक्सपोर्ट 1.2 प्रतिशत घटा| आईएचएस मार्किट कंपनी के बाजार विश्लेषक राजीव विश्वास बताते हैं, “हाल के डाटा से पता चलता है कि नया साल चीन की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक शुरुआत लेकर आया है| अमेरिका के साथ हुई वन ट्रेड डील और चीन की मौद्रिक और राजकोषीय नीति से भी चीन के कारोबार में प्रोत्साहन बढ़ने की उम्मीद है|”

विश्लेषक मानते हैं कि चीन की मंदी ढांचागत कारणों से है| इसका एक कारण तो देश का एक विकसित अर्थव्यवस्था होना है और दूसरा कामकाजी लोगों का कम होना| एनबीएस के मुताबिक, चीन की जन्म दर पिछले साल प्रति 1,000 लोगों पर 10.48 तक गिर गई| जो 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के बाद से सबसे कम है| चीन इस वक्त बढ़ती उम्र की आबादी का सामना कर रहा है. हालांकि इस संकट को दूर करने के लिए चीन ने 2016 में एक बच्चे की नीति को बदलकर लोगों को दो बच्चे पैदा करने की छूट दी थी| लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं हो सका|

ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स में एशिया अर्थशास्त्र के प्रमुख लुई कुइज्स ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि बीजिंग इस मंदी को “नए सामान्य” की तरह देख रहा है| चीन को लेकर बेहतर वैश्विक दृष्टिकोण और अमेरिकी व्यापार सौदे के बावजूद मंदी से पार पाना इतना आसान नहीं होगा लेकिन लुई के मुताबिक चीन इस वक्त तेज विकास की बजाए अर्थव्यवस्था को गिरने से रोकना चाहता है|

चीन के विश्लेषक और अधिकारी उम्मीद करते हैं कि इस साल अर्थव्यवस्था को स्थिर स्तर पर लाया जा सकेगा. चीन की सरकार इस साल निर्यात के बेहतर व्यापारिक मसौदे तैयार कर रही है| लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश इसलिए भी कम है क्योंकि अमेरिका ने चीन के ज्यादातर सामान पर टैरिफ को कम नहीं किया है|

चीन के ओसीबीसी बैंक में ग्रेटर चाइना रिसर्च के प्रमुख टॉमी शी कहते हैं कि सरकार की तरफ से मिले कर प्रोत्साहन ने देश की विकास दर को स्थिर करने में मदद की है लेकिन ढांचागत विकास में होने वाले निवेश में कमी आना एक समस्या है| संपत्ति में निवेश धीमा हो रहा है| चीन का विकास इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश इस गिरावट को कम करने में सक्षम है|

एनबीएस ने बताया है कि 2020 के शुरुआती महीनों में ही चीन अपनी एकीकृत अकाउंटिंग पद्धति में सुधार कर केंद्रीय और क्षेत्रीय आंकड़ों के बीच के अंतर को दूर करने का प्रयास करेगा| इससे चीनी सरकार के आर्थिक आंकड़ों को ज्यादा विश्वसनीयता मिलने की उम्मीद है जिसे लेकर तमाम अर्थशास्त्री संदेह जताते रहे हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Double Categories Posts 1

Double Categories Posts 2

Posts Slider