5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी
1 min readनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले चरण की तैयारी शुरू कर दी है। मार्च-अप्रैल में 8,300 मेगा हर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को 5लाख 23 हज़ार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, वहीं संभावित बोलीदाताओं को राहत देते हुए भुगतान ढांचे को आसान बनाया गया है। दूरसंचार विभाग का शीर्ष निर्णायक निकाय डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) ने आज सभी 22 सर्किलों के लिए नीलामी को मंजूरी दे दी। 5जी के लिए 6,050 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम रखे गए हैं। सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान में ढील के साथ ही भुगतान में दो साल स्थगन की सुविधा दी गई है और बाकी रकम तीसरे साल से 16 साल तक वार्षिक किस्तों में चुकानी होगी। ।
दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा, ‘डीसीसी ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों को आज मंजूरी दे दी और हमें उम्मीद है कि नीलामी मार्च-अप्रैल में हो सकती है।’ 1 गीगाहट्र्ज से कम स्पेक्ट्रम के लिए कुल रकम का 25 फीसदी अग्रिम भुगतान करना होगा, वहीं 1 गीगाहट्र्ज से अधिक के लिए 50 फीसदी अग्रिम रकम का भुगतान करना होगा। इसके साथ ही अगर सफल बोलीदाता की घोषणा के बाद 30 दिन के अंदर स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं होता है तो 1 गीगाहट्र्ज बैंड से कम पर अग्रिम भुगतान में 10 फीसदी और 1 गीगाहट्र्ज से अधिक के लिए अग्रिम भुगतान में 20 फीसदी की रियायत दी जाएगी।
प्रकाश ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन से एक महीने पहले बाकी अग्रिम राशि का भुगतान करना होगा।’ 2020 की नीलामी दूरसंचार विभाग उन लाइसेंसी को भी स्पेक्ट्रम की पेशकश करेगा जिनके लाइसेंस की वैधता दिसंबर 2021 में खत्म हो रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और रेलवे को आवंटित किए जाने वाले 4जी स्पेक्ट्रम को नीलामी से अलग रखा जाएगा। ट्राई ने शुरुआत में ४।9 लाख करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम नीलामी की सिफारिश की थी। ूरसंचार विभाग द्वारा 8 सर्किलों में रिलायंस कम्युनिकेशंस, भारती एयरटेल तथा वोडाफोन एवं आइडिया के 4-4 सर्किलों के लाइसेंस खत्म होने से मुक्त हुए स्पेक्ट्रम को भी नीलामी में शामिल करने से स्पेक्ट्रम की मात्रा में 150 मेगाहट्र्ज से ज्यादा का इजाफा हो गया।
ट्राई ने 1 अगस्त, 2018 को 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300-3400 मेगाहट्र्ज और 3400-3600 मेगाहर्ट्ज़ बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी की सिफारिश की थी। ई-नीलामी आयोजित करने के लिए एजेंसियों को नियुक्त करने के लिए बोली आंमत्रित की जा चुकी है। इच्छुक एजेंसियां 13 जनवरी तक बोली जमा करा सकती हैं, जिसके बाद 24 जनवरी को वित्तीय बोली खोली जाएगी। भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलांयस जियो कई बार कह चुकी हैं कि नियामक द्वारा निर्धारित आरक्षित कीमत काफी ज्यादा है और क्षेत्र की वित्तीय स्थिति को देखते हुए कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से दूर रह सकती हैं।एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव को उजागर किया है क्योंकि दोनों कंपनियों को समायोजित राजस्व मद में भारी-भरकम रकम अदा करना है। दूरसंचार क्षेत्र पर करीब 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।चीन की कंपनी हुआवेई को 5जी का परीक्षण करने की मंजूरी के बारे में पूछे जाने पर प्रकाश ने कहा, ‘इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है और जल्द ही राष्ट्र के हित में इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।’इस बीच, डीसीसी ने कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच समुद्री फाइबर केबल संपर्क को भी मंजूरी दे दी। इस प्रस्ताव पर 1,072 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी लेनी होगी। परियोजना आवंटित करने के 24 महीने के अंदर उसे पूरा करना होगा।