अमेरिका में कैसी होती है महाभियोग की प्रक्रिया
1 min readमहाभियोग एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसमें अमेरिकी कांग्रेस उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करती है जिन पर किसी तरह के गैर कानूनी काम करने का आरोप लगता है। आइए जानें इस प्रक्रिया के बारे में तमाम बातें।
किस के खिलाफ
संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापकों ने कांग्रेस को “राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी सरकारी अधिकारियों” को पद से हटाने की शक्ति दी है, जिसके तहत उन अभियुक्तों पर महाभियोग चलाया जा सकता है, जो “देशद्रोह, रिश्वतखोरी या दूसरे बड़े अपराध या दुराचार के दोषी माना जाते हैं।”
इसका अर्थ क्या हैं
सीधे शब्दों में कहें तो महाभियोग का मतलब है अदालत में अभियोग के समान आरोप होना। हालांकि, “उच्च अपराध और दुष्कर्म” की परिभाषा की व्याख्या के तरीके अलग हो सकते हैं। कभी कभी इसका मतलब यह भी होता है कि जरूरी नहीं कि अधिकारी ने कानून को तोड़ा ही हो।
ट्रंप पर आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर 18 दिसंबर, 2019 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग लगाया गया था। ट्रंप पर दो मुख्य आरोप हैं। पहला आरोप है कि 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंदी जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी और दूसरा संसद के काम में अड़चन डालने की कोशिश की। राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई जनवरी 2020 में शुरू की जाएगी।
महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
अमेरिकी संसद के निचले सदन के पास ही “महाभियोग लगाने की शक्ति” है। हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी आमतौर पर महाभियोग की कार्यवाही के लिए जिम्मेदार होती है। सदन के 435 सदस्यों के साधारण बहुमत से आरोप लाने के लिए सदन बहस और फिर वोट करता है। इस भूमिका में, सदन एक अधिकारी के खिलाफ आरोप लाने वाली एक जूरी के रूप में काम करता है।
अब गेंद सीनेट के पाले में
संसद के उच्च सदन यानि सीनेट के पास “सभी महाभियोगों की एकमात्र शक्ति है,” जिसका अर्थ है कि इसमें अधिकारी को दोषी करार देने की शक्ति है। जब राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं।
किस पर चलाया जा चुका है महाभियोग
अमेरिका के आज तक के इतिहास में अब तक कुल तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाया गया है। एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन, और अब डॉनल्ड ट्रंप। एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन दोनों को ही सीनेट ने पद से नहीं हटाया। एक और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपतियों के अलावा
सदन ने 60 से अधिक बार महाभियोग की कार्यवाही की है। सिर्फ एक तिहाई मामलों में पूर्ण महाभियोग लाया जा सका है। केवल आठ अधिकारियों को अब तक दोषी ठहराया गया है और पद से हटाया भी गया है। यह सभी अधिकारी संघीय न्यायाधीश थे।
राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए, 100 सीटों वाली सीनेट में दो-तिहाई बहुमत को राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए वोट देना होता है। ऐसा होने पर राष्ट्रपति को पद छोड़ना पड़ता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति अदालत में भी उसी अपराध के लिये दोषी ठहराया गया हो या फिर भविष्य में दोषी ठहराया जाए।