प्रवासियों की वापिसी के लिए 10 ट्रेनों को ममता की हाँ
1 min readबंगाल के प्रवासियों की वापिसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बीच विवाद का हल सामने आया है। राज्य के गृह सचिव ने शनिवार को कहा कि सरकार ने विभिन्न राज्यो में फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बुलाने के लिए 10 ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे दी है।
- नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार के आलापन बनर्जी ने कहा कि हमने कुल 10 ट्रेनों संचालन की अनुमति दी है। इनमें से राजस्थान और केरल से दो ट्रेनों से लगभग 3,000 लोग लौटे हैं। बाकी ट्रेनें भी शीघ्र आएंगी। बेंगलुरू से राज्य के अलग-अलग टेशनों के लिए तीन ट्रेनें रवाना हो रही हैं।
गृह सचिव ने यह भी बताया कि सरकार ने तीर्थयात्रियों को वापस लाने के लिए वृंदावन, मथुरा और वाराणसी से भी तीन ट्रेनें चलाने की अनुमति दे दी है। इन तमाम लोगों का यहाँ पहुंचने पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और उनको ज़रूरत के हिसाब से अस्पताल या होम क्वारंटीन में रहने को कहा जाएगा।
प्रवासियों की वापसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार से लेकर भाजपा औऱ कांग्रेस तक राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करती रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं, “सरकार प्रवासियों को वापस बुलाने में दिलचस्पी नहीं ले रही है।”
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी यही आरोप लगाते हुए कहते हैं कि प्रवासियों की वापसी पर विवाद थमना चाहिए और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी का शीघ्र इंतज़ाम किया जाना चाहिए। सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम कहते हैं, “सरकार के पास कोई तैयारी नही हैं। इसलिए वह प्रवासियों को बुलाने में हिचक रही है।”
इससे पहले बीते सप्ताह राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा था, “देश के बाकी हिस्सों में फंसे लोगों को चरणबद्ध तरीके से बुलाया जाएगा। एक साथ लाखों प्रवासी मजदूरों को बुलाना उचित नहीं होगा। इसके लिए विस्तृत योजना जरूरी है। ऐसा नहीं किया गया तो अब तक की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।”