Sat. May 4th, 2024

विनिर्माण पर गहरा आघात, पीएमआई रिकॉर्ड निचले स्तर पर

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देश में जारी लॉकडाउन और निर्यात के कमजोर आंकड़ों ने विनिर्माण क्षेत्र पर गहरा आघात किया है। सोमवार को जारी निक्कई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सूचकांक अप्रैल में फिसलकर मात्र 27.4 रह गया। 

  • नई दिल्ली। पीएमआई सर्वेक्षण में कहा गया है कि मांग घटने से अप्रैल में नए कारोबार चरमरा गए और कंपनियों ने कठिन हालात को देखते हुए अपने कर्मचारियों की संख्या खासी कम कर दी।

अप्रैल के पीएमआई आंकड़े समूचे विनिर्माण क्षेत्र में गंभीर गिरावट का संकेत दे रहे है। करीब 15 वर्षों पहले जब से इस क्षेत्र में आंकड़ों का संग्रह शुरू हुआ है तब से यह अब तक का सबसे निचला स्तर है।

पीएमआई सूचंकाक 50 से अधिक रहना कारोबार में विस्तार और इससे नीचे कारोबार में कमी का संकेत देते हैं। पीएमआई सूचकांक मार्च से ही कमजोर चल रहा था जब यह कम होकर महज 51.8 प्रतिशत रह गया था। इससे पहले जनवरी में पीएमआई सूचकांक 55।3 के साथ पिछले आठ वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर रहा था।

आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्री इलियट केर ने कहा, ‘मार्च में हालत कमोबेश अच्छी रही लेकिन अप्रैल में कोविड-19 संक्रमण के कारण विनिर्माण क्षेत्र औंधे मुंह आ गिर गया।’ 20 अप्रैल के बाद सरकार ने आंशिक तौर पर औद्योगिक गतिविधियों में छूट भले ही दी थी लेकिन इससे विनिर्माण गतिविधियां पूरी तरह शुरू नहीं हो पाईं।

क्रिसिल में मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि चालू वित्त वर्ष के लिए अप्रैल सबसे कठिन समय रहा है। अब आगे हालात में थोड़ी सुधार की उम्मीद है।’ इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि अप्रैल के आंकड़े ऐसे ही रहने के अनुमान थे, क्योंकि पूरे महीने देश के 60 प्रतिशत से अधिक उद्योगों पर ताला लटका हुआ था।

 

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