Sat. May 4th, 2024

एक महीने में उद्योगों को 1.65 लाख करोड़ की चपत

1 min read

मोबाइल डिवाइस विनिर्माताओं, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, विमानन कंपनियों, रेस्टोरेंट, वाहन कंपनियों, शीतल पेय कंपनियों और होटलों जैसे उद्योग जगत के एक बड़े हिस्से को महज एक महीने में संयुक्त रूप से 1,65,000 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान झेलना पड़ा है। इसकी वजह यह है कि अप्रैल में लॉकडाउन के कारण उनकी बिक्री और उत्पादन शून्य या उसके आसपास रहे हैं। इससे वित्त वर्ष 2021 में उनके भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं।

  • मुंबई। इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान मोबाइल विनिर्माताओं को 20,000 करोड़ रुपये और पीसी लैपटॉप विनिर्माताओं को करीब 2,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। अप्रैल के मध्य में लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाए जाने के बाद सरकार ने शुरुआत में मोबाइल की ऑनलाइन बिक्री को (आवश्यक वस्तु के रूप में) मंजूरी देने का फैसला किया था। मगर इस डर से आदेश वापस ले लिया कि इससे फिजिकल स्टोरों पर असर पड़ेगा, जो अभी बंद रहेंगे। देश में करीब 40 फीसदी मोबाइल ऑनलाइन बिकते हैं, जिसे मद्देनजर रखते हुए यह कदम बहुत नुकसानदेह था। लावा मोबाइल्स के निदेशक हरि ओम राय ने कहा, ‘उत्पादन शुरू होने के बाद भी मांग सामान्य होने में लंबा समय लगेगा।’

विमानन क्षेत्र में विमानन कंपनियों का कहना है कि घरेलू कंपनियों को अप्रैल में करीब 8,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। एक प्रमुख विमानन कंपनी के शीर्ष कार्याधिकारी ने कहा, ‘प्रतिकूल असर साफ है। कमाई बिल्कुल नहीं हो रही है। मगर राजस्व में करीब 25 फीसदी हिस्सा रखने वाली वेतन एïवं लीज की तय लागत का भुगतान करना होगा, भले ही कोई कमाई नहीं हुई। ऐसे में केवल यही रास्ता है कि नकदी सुरक्षित रखी जाए, लीज को लेकर फिर बातचीत की जाए और तय लागत घटाई जाएं।’ सायम के अनुमानों के आधार पर वाहन कंपनियों को अप्रैल में 69,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को अप्रैल में 22,500 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व के नुकसान का अनुमान है।

आईपीएल का समय होने से यह टीवी के लिए भी मांग का अच्छा सीजन है। अप्रैल में टीवी की 20 फीसदी बिक्री (6,000 करोड़ रुपये) होती है। सुपरप्लास्ट्रोनिक्स के सीईओ अवींत सिंह मारवाह ने कहा, ‘मगर यह साल हर तरह से असामान्य है। अप्रैल में लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद रहा और आईपीएल भी स्थगित हो रहा है।’

अप्रैल में करीब एक तिहाई फ्रिज की बिक्री (करीब 8,000 करोड़ रुपये) होने का अनुमान था मगर विनिर्माताओं की कोई बिक्री नहीं हुई। वहीं एसी कंपनियों को अप्रैल में बिक्री से 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होती है। यह एसी की मांग के लिए अहम महीना होता है क्योंकि तापमान बढऩे लगता है। ब्लू स्टार के के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वीर आडवाणी ने कहा, ‘हालांकि इस बार अप्रैल में लार्ज चिलर्स से लेकर होम एसी की कोई बिक्री नहीं हो पाई। अब हमारा अनुमान है कि इस साल बाजार 30 फीसदी कम हो जाएगा।’

संगठित और असंगठित रेस्टोरेंटों को अगले कुछ महीनों में भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इनकी शीर्ष संस्था नैशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा, ‘हमारी बिक्री शून्य रही है। हमारा अनुमान है कि उद्योग को 34,500 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान हुआ है। हमें भविष्य को लेकर भी कोई संकेत नहीं मिल रहा है। यह पूरी तरह से मुश्किलों से भरा दौर है।’ सिंह कहते हैं कि कुल राजस्व में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट का हिस्सा 3,300 करोड़ रुपये प्रतिमाह है। वे ऑनलाइन डिलिवरी कर रहे हैं। मगर बिक्री काफी कम है।

संगठित और असंगठित होटल उद्योग पर भी तगड़ी चोट पड़ी है। एचवीआर रिसर्च के मुताबिक वर्ष 2020 में राजस्व नुकसान 81,000 करोड़ रुपये से अधिक रहेगा। होटल कार्याधिकारियों ने कहा कि संगठित होटलों में कमरे भरने की दर पिछले साल अप्रैल में 65 फीसदी थी, जो अप्रैल 2020 में महज 6 से 9 फीसदी रही है और इस महीने राजस्व का नुकसान झेलना पड़ेगा। इंटरग्लोब होटेल्स के अध्यक्ष और सीईओ जे बी सिंह ने कहा, ‘हम निराश हैं।

हमें यह समझना होगा कि वायरस जल्द खत्म नहीं होगा। हमें बीच का रास्ता पकडऩा पड़ेगा।’ गैर अल्कोहल पेय कंपनियां भी प्रभावित हुई हैं। बड़े बॉटलिंग प्लांट अप्रैल में बंद रहे। इनमें कोक का खुद का परिचालन और वरुण बेवरिजेस का परिचालन शामिल है। इन कंपनियों ने कहा कि सॉफ्ट ड्रिंक की 40 फीसदी बिक्री अप्रैल से जून के बीच होती है। इस अवधि में कम से कम 4,000 करोड़ रुपये के राजस्व की चोट पडऩे के आसार हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Double Categories Posts 1

Double Categories Posts 2

Posts Slider