Mon. May 13th, 2024

ट्रम्प ने मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का किया अनुरोध

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  • वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का अनुरोध किया है। दरअसल, भारत ने हाल ही में इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अमेरिका ने इस दवा का ऑर्डर दिया।

ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात की और उनसे मलेरिया के इलाज में दशकों से इस्तेमाल की जा रही और किफायती दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जारी करने का अनुरोध किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने आज सुबह भारत के प्रधानमंत्री को फोन किया। वे बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। भारत इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’’

भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन कहा था कि कुछ भंडार को मानवीय आधार पर भेजने की अनुमति दी जा सकती है। मलेरिया की इस दवा का इस्तेमाल अब कई जगह कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जा रहा है।

कोरोना वायरस के तीन लाख मामलों की पुष्टि होने और 8,000 से अधिक लोगों की मौत होने के साथ अब अमेरिका इस संक्रामक रोग का वैश्विक केंद्र बनकर सामने आया है। ट्रम्प ने कहा कि अगर अमेरिका के अनुरोध पर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा जारी करता है तो वह आभारी रहेंगे।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि अमेरिकी कंपनियों ने भारत से कितनी मात्रा में यह दवा भेजने का अनुरोध किया है। दुनियाभर में वैज्ञानिक इस बीमारी का टीका या इलाज खोजने में जुटे हैं। इससे जानलेवा रोग से 150 से अधिक देशों में 64,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 12 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

कुछ प्रारंभिक नतीजों के आधार पर ट्रम्प प्रशासन कोरोना वायरस के सफल इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर भरोसा कर रहा है। ट्रम्प के अनुसार, इस दवा के सकारात्मक नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अगर यह दवा सफल होती है तो यह स्वर्ग से एक तरह से तोहफा होगा।

अमेरिका में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अगले कई हफ्तों में कोरोना वायरस के कारण 100,000 से 200,000 लोगों की मौत होने का अनुमान जताया है। कोरोना वायरस के इलाज में इस दवा के सफल होने की संभावना के चलते अमेरिका ने पहले ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का काफी मात्रा में भंडार कर लिया है।

यह चर्चा ऐसे समय में हुई जब दोनों देश कोविड-19 वैश्विक महामारी की जद में हैं। ट्रम्प ने कहा कि मलेरिया से पीड़ित देशों में लोग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं इस दवा को ले सकता हूं। ठीक है? मुझे इसके बारे में अपने डॉक्टरों से पूछना होगा लेकिन मैं इसे ले सकता हूं।’’

 

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