औद्योगिक संगठनों ने की वित्त वर्ष की मियाद 3 महीने बढ़ाने की राखी मांग
1 min readcovid-19 से बढ़ाते संक्रमण के बीच ऑडिटरों और औद्योगिक संगठनों ने वित्त वर्ष 2019-20 की मियाद तीन महीने बढ़ाने की मांग की है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हाल में ही कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने चालू वित्त वर्ष की मियाद बढ़ाकर जून तक करने की मांग के साथ अन्य उपायों पर भी जोर दिया था।
- नई दिल्ली। औद्योगिक संगठनों का तर्क था कि अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच तैयार वित्तीय बहीखाता सही तस्वीर पेश नहीं करेगा। उनके अनुसार इसमें किसी कंपनी के पूरे एक कारोबारी चक्र का पूरा ब्यूरा नहीं मिल पाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मंत्रालय से कहा, ‘कोरोनावायरस से उपजे हालात के मद्देनजर पूरी अर्थव्यवस्था थम गई है और अगली कुछ तिमाहियों तक हालात ऐसे ही रहने वाले हैं।’ ऑडिटरों ने भी विभिन्न मुद्दों का हवाला दिया और कहा कि मौजूदा परिवेश में भंडार, नियत परिसंपत्तियां, बकाया की पुष्टि, उचित मूल्यांकन आदि की पुख्ता समीक्षा संभव नहीं है। आपूर्ति में बाधा आने से कंपनियों को भी अपने भंडार का सही अंदाजा लगाने में मुश्किल आ रही है।
एसआर बाटलीबॉय ऐंड कंपनी में पार्टनर संजीव सिंघल ने कहा, ‘वर्षांत के आंकड़े तय करने के लिए हमें इन्वेंट्री के आंकड़े पीछे करने होते हैं। यह वर्ष के अंत में होने वाले फिजिकल वैरिफिकेशन से अलग है। वित्त वर्ष आगे बढ़ाने पर कंपनियों को इस समय दूसरे महत्त्वपूर्ण कामों में प्रयास तेज करने में मदद मिलेगी।’
सरकार और नियामकों ने पिछले कुछ दिनों में कंपनियों पर अनुपालन शर्तों का बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आयकर दाखिल करने की तिथि भी बिना किसी शुल्क के बढ़ाकर जून तक कर दी गई है। पिछले सप्ताह सेबी ने सूचीबद्धकंपनियों को चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के लिए 30 जून तक का समय दिया।