कच्चे तेल की कीमत 26 डॉलर, अमेरिका में तेल 23 डॉलर का
1 min readकोरोना वैश्विक कच्चे तेल की कीमत गिरने की वजह है। ये कीमतें 16 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। मार्च के अंत तक तेल की वैश्विक मांग घटकर प्रतिदिन 80-90 लाख बैरल रह सकती है।
न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और कच्चे तेल की मांग में कमी के बीच बुधवार को तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकी क्रूड के वायदा भाव ने जहां 18 साल का निचला स्तर तो ब्रेंट क्रूड के वायदा भाव ने 16 साल के निचले स्तर को छू दिया। ब्रेंट क्रूड की कीमत 26 डॉलर तो अमेरिकी क्रूड की कीमत प्रति बैरल 23 डॉलर पर पहुंच गई।
11 लाख बैरल प्रतिदिन की गिरावट
गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि दुनियाभर की सरकारें लोगों को भीड़भाड़ से दूर रहने और खुद को अलग-थलग रखने का अनुरोध कर रही हैं, इसके कारण मार्च के अंत तक तेल की वैश्विक मांग घटकर प्रतिदिन 80-90 लाख बैरल रह सकती है। तेल की खपत में सालाना करीब 11 लाख बैरल प्रतिदिन की गिरावट रह सकती है, जो एक रेकॉर्ड होगा।
20 पर पहुँच सकती है कीमते
एजेंसी ने कहा, ‘कोरोना वायरस के फैलने की वजह से तेल की मांग में बड़ी गिरावट आई है। दूसरी तिमाही में ब्रेंट क्रूड की कीमत गिरकर 20 डॉलर पर आ सकती है।’
26 डॉलर पर ब्रेंट क्रूड
बुधवार को ब्रेंट क्रूड 26।65 डॉलर के निचले स्तर को छूने के बाद 2।68 डॉलर (9।3%) की गिरावट के साथ 26।05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। साल 2003 के बाद यह ब्रेंट क्रूड का सबसे निचला स्तर है।
23 डॉलर पर यूएस क्रूड
वहीं, अमेरिकी क्रूड सुबह 11 बजे 4 डॉलर (15%) की गिरावट के साथ 22।95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जो मार्च 2002 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है।