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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र के जनजीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा: प्रधानमंत्री

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चित्रकूट (उप्र) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी शनिवार को कहा कि बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेसवे पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र के जन जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा और करीब करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे यहां रोजगार के कई अवसर मुहैया कराएगा ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चित्रकूट में करीब 15 हजार करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का बटन दबाकर उसकी आधारशिला रखी ।

उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जो चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते से जोड़ेगा, साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

उन्होंने कहा, ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो या फिर प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे, ये सभी उत्तर प्रदेश में सड़क संपर्क तो बढायेंगे ही रोजगार के अनेक अवसर पैदा करेंगे । इस साल के बजट में उत्तर प्रदेश रक्षा कोरिडोर के लिये 3700 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश के अन्नदाता की चिंता करते हैं, उनकी बेहतरी के लिए सोचते हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य हो या, मृदा स्वास्थ्य कार्ड हो, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग हो, दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना हो, हर स्तर पर सरकार ने काम किया है।

उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने की अहम यात्रा का, आज भी एक अहम पड़ाव है और यहां पर हमने देश के हर प्रांत के किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया है। उन्होंने कहा कि देश में किसानों से जुड़ी जो नीतियां थी, उन्हें हमारी सरकार ने निरंतर नई दिशा दी है।

उन्होंने कहा कि थोड़ी देर पहले ही यहां देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिये, किसानों को सशक्त करने के लिये 10 हजार एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठन बनाने के योजना की शुरूआत की है, यानि किसान अब तक उत्पादक ही था अब वह एफपीओ की माध्यम से व्यापार भी करेगा ।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘किसानों की आय बढाने के लिये एक 16 सूत्री कार्यक्रम बनाया गया है। सरकार का प्रयास है कि किसान को उसके खेत के कुछ किलोमीटर के दायरे में ही एक ऐसी व्यवस्था मिले, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से जोड़ दे और आने वाले समय में ये ग्रामीण हाट कृषि अर्थव्यवस्था के नये केंद्र बनेंगे ।’

 

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