जल उठी दिल्ली अभूतपूर्व हिंसा में 10 लोगों की मौत
1 min read- उत्तरपूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हिंसा में अभी तक 10 लोगों के मारे जाने और 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। यह देश की राजधानी के एक हिस्से में लगातार हो रही हिंसा का तीसरा दिन है।
नई दिल्ली। नागरिकता कानून पर विवाद को लेकर शनिवार 22 फरवरी को जो घटनाक्रम शुरू हुआ था वह मंगलवार 25 फरवरी को भी जारी रहा। ये हिंसा ऐसे वक्त में हो रही जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप दिल्ली में हैं और सरकार सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा कर रही है। उत्तरपूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हुई हिंसा में अभी तक 10 लोगों के मारे जाने की और 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों में करीब 50 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
भजनपुरा, गोकुलपुरी, चांद बाग, करावल नगर, विजय पार्क, यमुना विहार, जाफराबाद, खुरेजी खास जैसे इलाकों में धारा 144 लागू होने के बावजूद झड़पें लगातार जारी रहीं। लाठियों से लैस कई लोगों को सड़कों पर देखा गया, कई वाहनों, घरों और दुकानों को जला दिया गया और लाठियों से बेरहमी से लोगों को पीटे जाने के कई वीडियो वायरल हुए। बताया जा रहा है कि मृतकों में से कम से कम आधे गोलियों का शिकार हुए हालांकि अभी तक लोगों के हाथों में बड़े पैमाने पर बंदूकों के होने की पुष्टि नहीं हुई है। दंगाइयों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा और कई जगहों से पत्रकारों के साथ हिंसा और उनके सामान के साथ तोड़-फोड़ की खबर आई।
दिन में केंद्रीय गृह-मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के हालत पर एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। लेकिन बैठक के बाद हिंसा को रोकने के लिए किसी विशेष कदम की घोषणा नहीं हुई। हिंसा के सांप्रदायिक होने के भी प्रमाण निकल कर आ रहे हैं।
दिल्ली में मामला रविवार 23 फरवरी से ही बिगड़ना शुरू हो गया था। एक दिन पहले शनिवार 22 फरवरी को जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के नीचे कुछ महिलाओं ने शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध का नया मोर्चा खोलने की कोशिश की। पुलिस ने महिलाओं से ऐसा ना करने को कहा लेकिन वे नहीं मानीं। धीरे धीरे और भी लोग वहां इकठ्ठा होने लगे और रात होने तक वहां अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए। रविवार सुबह वहां और भी लोग आ गए, जिसके बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भड़काऊ ट्वीट करने शुरू किये और नागरिकता कानून के समर्थन में लोगों को जाफराबाद में इकठ्ठा होने के लिए कहा। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मिश्रा जब वाकई उस इलाके में अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए तो उसके बाद घटनाक्रम ने हिंसक मोड़ ले लिया।