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‘‘नवोन्मेष, पेटेंट, निर्माण एवं समृद्धि’’ की दिशा में आगे बढ़ें युवा वैज्ञानिक- मोदी

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Bengaluru: Prime Minister Narendra Modi address the inaugural ceremony of the 107th Indian Science Congress at the University of Agricultural Sciences, in Bengaluru, Friday, Jan. 3, 2020. (PTI Photo/Shailendra Bhojak) (PTI1_3_2020_000028B)

3 /1/2020

बेंगलुरु| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवा वैज्ञानिको के समक्ष विकास की तरफ ले जाने के लिए चार कदमो ‘‘नवोन्मेष, पेटेंट, निर्माण और समृद्धि’’को सामने रखकर आगे बढ़ने की अपील की||

प्रधानमंत्री ने भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के परिदृश्य को बदले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना प्रौद्योगिकी को प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल करके लालफीताशाही को कम किया जाए और वैज्ञानिकों के लिए वैज्ञानिक कार्य करना सुगम बने।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के विकास की गाथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उसकी सफलता पर निर्भर करती है। भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के परिदृश्य को बदले जाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सत्र के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘इस देश में युवा वैज्ञानिकों के लिए मेरा सिद्धांत है-नवोन्मेष, पेटेंट, निर्माण और समृद्धि। ये चार कदम हमारे देश को तेजी से विकास की तरफ ले जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि लोगों के लिए और लोगों द्वारा नवोन्मेष नए भारत की दिशा है।

मोदी ने कहा, ‘‘यदि हम नवोन्मेष करेंगे तो हम पेटेंट कराएंगे और इससे हमारा निर्माण कार्य आसान होगा और जब हम इन उत्पादों को लोगों को पास लेकर जाएंगे, तो मुझे भरोसा है कि इससे वे समृद्ध होंगे।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत की रैंकिक सुधकर 52 हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कार्यक्रमों ने पिछले पांच साल में पूर्ववर्ती 50 साल की तुलना में प्रौद्योगिकी आधारित कारोबार को अधिक बढ़ावा दिया है। मैं इस उपलब्धि के लिए अपने वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।’’

मोदी ने कहा कि नया भारत तकनीकी एवं तर्कसंगत सोच चाहता है ताकि हम हमारे सामाजिक एवं आर्थिक जीवन के विकास को नई दिशा दे सकें। उन्होंने कहा कि देश में सस्ते स्मार्ट फोन बनने और सस्ते डेटा के कारण एक आम आदमी को भी इस बात का भरोसा है कि वह अलग नहीं है और वह सरकार के साथ सीधे जुड़ सकता है। उन्होंने कहा कि शासन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं कि वैज्ञानिक कार्य करना आसान हो और लाल फीताशाही को कम करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल हो।’’ उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक, ई-कॉर्म्स, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं से ग्रामीण जनसंख्या को काफी मदद मिल रही है और किसानों को ई-गवर्नेंस पहलों के जरिए आसानी से मौसम संबंधी जानकारी मिल रही है। मोदी ने कहा कि आगामी दशक विज्ञान एवं तकनीक आधारित शासन के लिए निर्णायक समय होगा।

मोदी ने एक बार प्रयोग की जा सकने वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अनुसंधानकर्ताओं को प्रयोगशालाओं में इसका सस्ता एवं प्रभावी विकल्प ढूंढना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास 2022 तक कच्चे तेल का आयात 10 प्रतिशत तक कम करना है क्योंकि इससे इथेनॉल और जैव ईंधन के क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

मोदी ने उद्योग आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘कृषि पद्धतियों में मददगार प्रोद्यौगिकियों में क्रांति की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए क्या हम पराली जलाए जाने की समस्या का किसान केंद्रित समाधान खोज सकते हैं? क्या हम अपनी ईंट भट्टियों को इस तरह फिर से डिजाइन कर सकते हैं कि उनसे उत्सर्जन कम हो और ऊर्जा दक्षता बढ़े।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमें स्वच्छ पेयजल का समाधान खोजने की आवश्यकता है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष की खोज में हमारी सफलताएं अब गहरे सागर में नए मोर्चों पर दिखाई देंगी।

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