मोदी की अपील effect down वेतन काटना शुरू कर चुकी हैं कंपनियां
1 min read- पूरे देश में lockdown से व्यापार ठप्प है और आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन और जरूरी सेवाओं के अलावा कोई भी काम नहीं हो रहा है। ऐसे में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती शुरू कर दी है।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन की lockdown की घोषणा की थी तब उन्होंने अपने भाषण में कंपनी मालिकों से अपील की थी कि जब तक देश में कोरोना वायरस का प्रकोप है तब तक वे lockdown की वजह से अपने कर्मचारियों के काम पर ना आने की वजह से उनका वेतन ना काटें। प्रधानमंत्री की अपील मानवीय थी लेकिन तब से ही इस सवाल पर चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या सभी तरह की कंपनियां ऐसा करेंगी?
सच्चाई अब धीरे धीरे सामने आ रही है। पूरे देश में lockdown की वजह से व्यापार ठप्प है और आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन और आवश्यक सेवाओं के अलावा कोई भी काम नहीं हो रहा है। ऐसे में कई कंपनियों ने अपने आर्थिक हित को सुरक्षित करने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन काटने शुरू कर दिए हैं।
अर्थशास्त्री कहते हैं कि असली तस्वीर यही है। कंपनियों की वेतन देने की क्षमता उनकी आय से ही जुड़ी होती है। व्यापार आर्थिक गतिविधि की निरंतरता पर आधारित होता है और जब आर्थिक गतिविधि ही सीमित हो जाए तो व्यापार भी बंद हो जाता है। ऐसे में कौन सी कंपनी आय के बिना भी वेतन दे सकती है? अर्थशास्त्री कहते हैं कि ऐसा सिर्फ उन कंपनियों के लिए संभव होता है जिनका प्रबंधन मजबूत हो क्योंकि वे घाटे में नहीं चल रही होती हैं और जिनके पास रिजर्व्स यानी कुछ अतिरिक्त पैसा होता है।
इस समय सामान्य आर्थिक गतिविधि का सिर्फ 20-25 प्रतिशत चल रहा है, जिसका मतलब है देश की अर्थव्यवस्था को इस समय हर महीने 14 से 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। वो कहते हैं कि ऐसे में सरकार भी निजी कंपनियों की कोई मदद नहीं कर सकती क्योंकि इन हालात में सरकार सब लोगों के लिए मूल सामान और सुविधाएं सुनिश्चित कर ले तो यह ही बहुत है।