गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनी
1 min read- देहरादून। गैरसैंण को सोमवार को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा इस संबंध में अपनी स्वीकृति दिए जाने के बाद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने यहां अधिसूचना जारी कर दी।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल द्वारा गैरसैंण (जिला चमोली) को उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने की सहर्ष अनुमति प्रदान की गयी है।’’
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताया तथा कहा कि इसे एक आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘’आने वाले समय में गैरसैंण सबसे सुंदर राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।’’ रावत ने इस वर्ष चार मार्च को बजट सत्र के दौरान गैरसैण को राज्य की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी।
रावत ने कहा कि गैरसैंण का ग्रीष्मकालीन राजधानी बनना सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान है। उन्होंने कहा, ‘’गैरसैंण उत्तराखंड की जनभावनाओं से जुड़ा है और सभी लोग बहुत खुश हैं। सबकी इच्छा आज पूर्ण हुई है। आज जब सब लोग कोरोना महामारी से किसी न किसी तरह प्रभावित हैं और चिंतित हैं, यह खबर उन्हें सुकून देगी।’’
रावत ने कहा कि इसके परिणाम दीर्घकालीन होंगे और राज्य के विकास की यात्रा और राज्य के भविष्य पर इसकी छाया सदैव पड़ती रहेगी और लोग इसे महसूस करते रहेंगे । उन्होंने कहा कि इसका असर बहुत व्यापक होगा और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पहुंच बनाना थोड़ा आसान होगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 विधानसभा चुनावों के दृष्टिपत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही गई थी, जिसे पूरा किया गया है ।
उधर, उत्तराखंड भाजपा उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में किया अपना वायदा पूरा कर दिया है ।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की है । इसके साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विधानसभा में की गयी घोषणा व भाजपा उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव का वादा पूरा हुआ ।’’