Thu. Mar 28th, 2024

कोविड-19 के इलाज में ‘रेम्डेसिविर’ दवा के सकारात्मक परिणाम

1 min read

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए एक भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक के नेतृत्व में किए गए विषाणु रोधी दवा ‘रेम्डेसिविर’ के तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

  • वाशिंगटन| कैलीफोर्निया स्थित दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने बुधवार को कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि ‘रेम्डेसिविर’ दवा की पांच दिन की खुराक के बाद कोविड-19 के मरीजों में से 50 प्रतिशत की हालत में सुधार हुआ और उनमें से आधे से अधिक को दो सप्ताह के भीतर छुट्टी दे दी गई।तीसरे चरण के परीक्षण को दवा को स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया में अंतिम कदम कहा जाता है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर एवं अध्ययन में शामिल अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं में से एक अरुणा सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘‘ये परिणाम उत्साहजनक हैं और संकेत करते हैं कि जिन मरीजों ने ‘रेम्डेसिविर’ दवा का पांच दिन तक सेवन किया, उनकी हालत में 10 दिन तक दवा का सेवन करनेवालों की तरह ही सुधार हुआ।’’

सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘‘अतिरिक्त परिणामों की आवश्यकता है, ये परिणाम यह समझने में स्पष्ट मदद करते हैं कि ‘रेम्डेसिविर’ से किस तरह इलाज किया जा सकता है, यदि यह सुरक्षित और प्रभावी साबित होती है।’’

दवा कंपनी ने भी कहा कि वह कोविड-19 के उपचार के लिए विषाणु रोधी दवा ‘रेम्डेसिविर’ से संबंधित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज (एनआईएआईडी) के अध्ययन से सामने आए सकारात्मक परिणामों से अवगत है।

इसने कहा, ‘‘हमें लगता है कि परीक्षण ने अपना प्रारंभिक उद्देश्य हासिल कर लिया है और एनआईएआईडी आगामी ब्रीफिंग में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा।’’

‘रेम्डेसिविर’ दवा को हालांकि विश्व में अभी कोई मंजूरी या लाइसेंस नहीं मिला है और न ही कोविड-19 के उपचार में यह अभी तक सुरक्षित या प्रभावी साबित हुई है। कंपनी ने कहा कि वह कोविड-19 के मरीजों पर तीसरे चरण के परिणामों के बारे में जल्द ही अतिरिक्त जानकारी साझा करेगी।

वहीं, चिकित्सा जगत से जुड़ी पत्रिका ‘लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के उपचार में विषाणु रोधी दवा ‘रेम्डेसिविर’ के पहले औचक परीक्षण में कोई महत्वपूर्ण चिकित्सीय लाभ नहीं मिले हैं। यह अध्ययन चीन स्थित चाइना-जपान फ्रेंडशिप हॉस्पिटल और कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने किया जिसमें वुहान के अस्पतालों में भर्ती 237 लोगों को शामिल किया गया।

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि ‘रेम्डेसिविर’ को मूलत: इबोला के उपचार के लिए विकसित किया गया था और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह विषाणुओं को शरीर के भीतर अपने प्रतिरूप बनाने से रोक सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Double Categories Posts 1

Double Categories Posts 2

Posts Slider