Fri. Mar 29th, 2024

मूर्खता शाश्वत है : ब्रजेन्द्र

1 min read

मूर्खता पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से अछूती और निर्वात में भी गमन करने योग्य है। मैं विज्ञान का छात्र रहने के बावजूद ऐसी धृष्टता कर पा रहा हूँ तो इसकी वजह तो होगी? लिहाजा मूर्ख आदमी यह जानकर प्रसन्न हो सकता है कि वह ब्रम्हांड में अकेला ऐसा जीव नहीं है, जिसे हिकारत से देखा जाए। देवता भी अपने लोक में और अपनों के बीच मूर्खता की उपाधियों से दो चार होते रहे हैं, वरना महाग्रंथों में उनका उल्लेख क्यों होता?

विज्ञान की मानें तो हर विद्वान से मनीषी दिन के चौबीस घंटों में कम से कम कुछ एक मिनट मूर्खता करता ही है। इसलिए में इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि मनुष्यों का मूर्ख दिवस मनाने का विचार 100 फीसदी तर्क सम्मत और स्वीकार योग्य है। दार्शनिकबोध मूर्खता को शाश्वत होने का प्रमाण भी दे सकता है। वैसे भी सामान्य दृष्टिकोण में जब इतने सारे दिवस मनाने लगे हो तो इसका मनाया जाना लाजिमी है।

अब बुद्धिजीवियों को ही ले लो, वो नोटबन्दी से तालेबंदी जैसे फौरी निर्णयों में एकरूपता खोज रहे है। उन्हें लोकतंत्र में ऐसा करने का हक है। लेकिन जिसे आप मूर्खता कह रहे हो उन्हें भी हक़ क्यों नहीं मिलना चाहिए? आप भूल जाते हैं, भारत एक लोकतांत्रिक देश के पहले आध्यात्मिक राष्ट्र भी है। कोरोना को लेकर हजारों वर्ष पहले धर्मग्रथों में चेताया था तो यह मनीषियों की दूरदृष्टि थी, उसमे बचने के उपायों को आत्मसात न कर पाना हमारी मूर्खता है। इसलिए मूर्ख दिवस की सार्थकता आज सिद्ध हो गई।

कोरोना तो डरायेगा ही चाहे आप बहादुर हों या डरपोक। मैं तो डरपोक हूँ, इसलिए घर से ही थाली बजाकर बहादुरों का सम्मान कर दिया। पर उन बहादुरों का क्या जिन्होंने घंटा, थाल लेकर सड़क पर आमद दे दी और उन जमातियों के समतुल्य खुद को साबित किया जो अब महामारी फैलने के कारण के तौर गिने जा रहे हैं। आखिर इन सबने 1 अप्रैल की सार्थकता को सिद्ध किया है।

उन बहादुरों को भी सलाम जो ढके मुंदे तड़के ही इस अंदाज में निकल पड़े कि कोरोना तो क्या हम जग जीतने का सामर्थ्य रखते हैं, वो चुनोती कोरोना को दे रहे थे या किसी और को यह खोज का विषय है। उनको भी सलाम जो दो चार फलों या दो चार किलो अनाज के बोझ को इतना समझ बैठे की कैमरे के सामने संख्याबल के साथ थामने के लिए लपके। ऐसा करने के लिए विवश क्यों हुए, यह जानने का अभी वक्त नहीं और आगे भी नहीं होगा, इसलिए मूर्ख दिवस का मनाया जाना लाजिमी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Double Categories Posts 1

Double Categories Posts 2

Posts Slider