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समझ बूझ के पारखी -हंसराज गंगाराम अहीर (Hansraj Gangaram Aheer)

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  • महाराष्ट्र के नांदेड़ में 11 नवम्बर 1954 को जन्मे Hansraj aheer पेशे से कृषक है और महाराष्ट्र की राजनीति में जाना पहचाना एक बड़ा नाम है। Hansraj aheer अपने प्रशंसकों के बीच हंसराज भैया के नाम से जाने जाते हैं। वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे और नवंबर 2014 से अब तक इस पद पर बने रहे। उन्हें देश के चर्चित कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला जिसे कोलगेट भी कहा जाता है, को सामने लाने के लिए जाना जाता है और उनके इस खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में चार को छोड़कर सभी कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द कर दिए थे।

4 बार लोकसभा सांसद रहे Hansraj aheer 2004 से 2006 तक यूपीए शासनकाल के दौरान हुए कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लगातार उठाते रहे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री, चीफ विजिलेंस कमिश्नर (सीवीसी) और कंट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) को लगातार चिट्ठियां लिखते रहे। बाद में उनकी ही कोशिशों का नतीजा रहा कि यह घोटाला सामने आ सका। कहा जाता है कि आवंटन में गड़बड़ियों को लेकर हंसराज अहिर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करीब 12 से 13 पत्र लिखे। Hansraj aheer जब कोयला, स्टील और खानों पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य के रूप में काम कर रहे थे तभी उन्हें इस घोटाले की भनक लगी और इस संबंध में 2006 में पहला पत्र लिखा था और यह मामला सामने आया।

महाराष्ट्र के चंद्रपुर संसदीय सीट से प्रतिनिधित्व करने वाले Hansraj aheer ने चंद्रपुर से सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा प्राप्ति की। अहीर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय कार्यकरणी के सदस्य रह चुके हैं। वह पहली बार 1994 में जनता की वोट से चुने गए और महाराष्ट्र की विधानसभा के सदस्य बने। इसके बाद 1996 में वह लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।

      

3 बार मिला संसद रत्न अवार्ड
1996 के बाद 2004 में वह दूसरी बार चंद्रपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। इस कार्यकाल में 2004 के बाद से Hansraj aheer कोयला, स्टी ल और कृषि समिति के सदस्य रहे। 2009 लोकसभा चुनाव में वह तीसरी बार विजयी हुए। इसके बाद Hansraj aheer 2014 में भी चुने गए। वह 2011, 2012, 2013 और 2014 संसद रत्न अवार्ड से भी नवाजे गए। 14वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने अहीर को सभी सांसदों के लिए रोल मॉडल बताया। अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान वह कई संसदीय समिति के सदस्य रहे हैं। Hansraj aheer का विवाह नाम लता अहीर से हुआ है और उनके परिवार में 3 बच्चे हैं, बतौर मंत्री वह लगातार सक्रिय रहे हैं। प्राइम प्वांइट फाउंडेशन (पीपीएफ) ने Hansraj aheer को 15वीं लोक सभा में प्रस्तुत किए गए कुल 288 विधेयकों में से 24 गैर-सरकारी विधेयक प्रस्तुत करने के लिए ‘’श्रेष्ठ सांसद’’ का दर्जा दिया था, जहां तक 15 वीं लोकसभा के रूप में पेश किया गया था।

रोचक तथ्य
Hansraj aheer की गहरी वैज्ञानिक समझ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने लाल रक्त कोशिकाओं के मरीजों के मार्गदर्शन, परामर्श और उपचार हेतु चन्द्र्पुर में आई. सी. ए. आर और आई. सी. एम. आर. द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे, एक सैटेलाइट सेंटर को खोलने में भी सहायता प्रदान की है। उन्होंने चंद्रपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संग्रहालय को खोलने में भी मदद की है ताकि आसपास के जिलों से ऐतिहासिक अवशेष एकत्र किए जा सकें और उन्हें संरक्षित किया जा सके। अहीर ने किसानों के जीवन की बेहतरी के लिए भी संघर्ष किया है और किसानों को ज़मीन के लिए पर्याप्त और पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है। वह सोचते हैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

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