भारत : महिला शिक्षा दर पुरुषो के मुकाबले 16 फीसदी कम
1 min read- महिलाओ की साक्षरता दर कम होने की वजह हिंसा, भेदभाव और लिंगानुपात में अंतर
नई दिल्ली। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी जारी रिपोर्ट में बताया था क़ि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखे गये हैं, लेकिन साक्षरता दर में बड़ा अंतर है। महिलाओं की साक्षरता दर जहां 66 प्रतिशत है तो पुरुषों की 82 प्रतिशत है। महिलाओं के प्रति हिंसा, लिंगानुपात में अंतर, महिलाओं के साथ भेदभाव इसकी एक बड़ी वजह हैं।
आईसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन महिलाओं को पुरुषों जैसी जगह देने में अव्वल रहे हैं। जर्मनी भी 10 वें स्थान पर जगह बनाने में सफल रहा है। वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम अपनी रिपोर्ट में कहता है, रोल मॉडल इफेक्ट का सकारात्मक असर नेतृत्व और वेतन पर पडऩा शुरु हो गया है। उदाहरण के तौर पर जो 10 देश इस बार लिस्ट में सबसे ऊपर रहे हैं, वहां महिलाएं बड़े पदों पर रही हैं। जिसका असर 2006 से 2019 के बीच देखने को मिला। राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी से श्रमिक बाजार में भी महिलाओं की भूमिका में सुधार हुआ।
भारत में महिलाओं के मुद्दों के बारे में जारी ये आंकड़े और रैंकिग वाकई चिंताजनक हैं। आर्थिक, समाजिक, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में अगर इस खाई को भरा नहीं गया तो अनुज शर्मा जैसे कई लडक़े अपनी दुल्हन का इंतजार करते रह जाएंगे।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम स्विट्जरलैंड का एक गैरलाभकारी संगठन है। जिसकी शुरुआत 1971 में हुई। यह फोरम शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थशास्त्र और दूसरे मुद्दों के लिए दुनिया को एक मंच पर लाता है।