स्वास्थ्य के मामले में हासिये पर भारत की नारी शक्ति
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नई दिल्ली। महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। 153 देशों की सूची में भारत 150वें स्थान पर है। भारत लिंगानुपात में 149 वें स्थान पर है, पिछले साल देश की स्थिति बेहतर थी। भारत पिछले साल 108वें नंबर पर था। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान के बाद भी भारत में हर 100 लडक़े पर महज 91 लड़कियां हैं। जो पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले भी खराब स्थिति है। पाकिस्तान में यह अनुपात 100 और 92 का है। यहां तक कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे देश भी भारत से ऊपर हैं। नेपाल 101 और बांग्लादेश 50 वें स्थान पर है। यमन और इराक का प्रदर्शन सबसे ज्यादा खराब रहा है।
मनोवैज्ञानिक भारत की कई समस्याओं में इस घटते लिंगानुपात को भी वजह मानते हैं. मनोवैज्ञानिक शुचि गोयल कहती हैं, भारत में बढ़ते रेप का सबसे प्रमुख कारण भी लिंगानुपात का घटना है। इकोनॉमिक फोरम ने अपनी रिपोर्ट में कहा लिंगानुपात को कम करने में जहां पिछले साल 2018 की रिपोर्ट में 108 साल का वक्त बताया गया था, इस साल वो घटकर 99.5 साल तो हो गया है लेकिन महिलाओं के साथ वेतन, राजनीति, शिक्षा, और स्वास्थ्य में होने वाले भेदभाव को खत्म होने में एक व्यक्ति के जीवन काल का वक्त लग जाएगा।