भारत में महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण कमजोर
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नई दिल्ली। भारत को 153 देशों की सूची में महिलाओं को राजनीतिक सशक्तिकरण देने के मामले में 18वां स्थान मिला है। हालांकि प्रतिनिधित्व के मामले में महिलाएं पुरुषों से कहीं पीछे हैं। भारत की रैंकिग अच्छी दिखने की बड़ी वजह है 50 सालों में 20 साल महिला का प्रधानमंत्री रहना। अगर आंकड़ो को देखें तो पिछले सालों में केवल 14.4 प्रतिशत महिलाए ही संसद पहुंच पाई हैं। इस मामले में भारत की रैकिंग 122वीं है। भारत में केवल 23.1 प्रतिशत महिलाएं कैबिनेट मंत्री बनी हैं और देश की रैंकिंग 69वीं है।
आम आदमी पार्टी की नेता और लोकसभा चुनाव में पार्टी की विधायक आतिशी मारलेना कहती हैं भारत जैसे देश में महिलाओं के लिए पब्लिक डोमेन में रहने वाले प्रोफशन में काम करना मुश्किल है। जिस देश में लिंगानुपात की खाई को ही भरा ना गया हो वहां पर महिलाओं की राजनीति में भागीदारी और राजनीति में प्रतिनिधित्व दूर का सपना है। वो महिलाएं जिनके परिवार से पहले कोई भी राजनीति में ना रहा हो वो आपको ना के बराबर मिलेंगी। खुद से आगे बढऩे वाली महिलाओं के लिए यहां पर सफलता की राह मुश्किल होती है। यही वजह है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और प्रतिनिधित्व कम है।